जिस दिन आपने अपनी जिन्दगी को खुलकर जी लिया, वही दिन आपका है, बाकी तो सिर्फ केलेंडर की तारीखें हैं। _________...
जिस दिन आपने अपनी जिन्दगी को
खुलकर जी लिया,
वही दिन आपका है,
बाकी तो सिर्फ केलेंडर की तारीखें हैं।
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बेजान चीज़ो को बदनाम करने के
तरीके कितने आसान होते है….!
लोग सुनते है छुप छुप के बाते ,
और कहते है के दीवारो को भी कान होते हैं !!
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अपनी कमजोरियां उन्ही लोगों को बताइये,
जो हर हाल में आपके साथ
मजबूती से खड़े होना जानते है”
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” क्यूँकि रिश्तों में विश्वास,
और मोबाईल में नेटवर्क ना हो,
तो लोग Game खेलना शरू कर देते हैं !!
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ना किसी से ईर्ष्या,
ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजीले,
मेरी अपनी दौड़!!
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भरोसा खुद पर रखो तो..
ताकत बन जाती है,
और
दूसरों पर रखो तो..
कमजोरी बन जाती है!!
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खामोश बैठें तो लोग कहते हैं
उदासी अच्छी नहीं,
ज़रा सा हँस लें तो
मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
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सड़क कितनी भी साफ हो
“धुल” तो हो ही जाती है..!!
इंसान कितना भी अच्छा हो
“भूल” तो हो ही जाती है !!!
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मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है !!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है….!!
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एक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैं,
एक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैं,
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना,
एक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख बना देती है…
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जब भी देखता हूँ ..
किसी गरीब को हँसते हुए ..
तो यकीन आ जाता है ..
की खुशियो का ताल्लुक
दौलत से नहीं होता.
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ज़िन्दगी के लिए जान जरुरी है,
पाने के लिए अरमान ज़रूरी है,
हमारे पास चाहे हो कितना ही गम,
पर आपके चेहरे पर मुस्कान ज़रूरी है.
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चलो! थोड़ी मुस्कुराहट बाँटते है..
थोड़ा दुख तकलीफों को डाँटते है..
क्या पता ये साँसे चोर कब तक हैं?
क्या पता ‘जिन्दगी की चरखी’
में ड़ोर कब तक हैं?
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ज़िन्दगी को आसान बनाने के
दो ही तरीके हैं
या तो नज़रअंदाज़ कीजिये
या बर्दाश्त करना सीख लीजिए !!
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तूफान भी आना ,…
जरुरी है जिंदगी में..
तब जा कर पता चलता है …
,”कौन” हाथ छुड़ा कर भागता है..
और
“कौन” हाथ पकड़ कर…
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भरोसे पे ही “जिंदगी” टीकी है
वरना कौन कहता “फ़िर मिलेंगे”..
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“हर रोज गिरकर भी,
मुक्कमल खड़े हैं…!
ए जिंदगी देख,
मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं …!!”
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एक प्यारी सी लाईन उलटी या
सीधी कैसे भी पढ़ो अच्छा लगता है।”
है जिंदगी तो अपने है”
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खुद की Selfie निकालना सेक़ेन्डों का काम है….
लेक़िन खुद की Image बनानें में जिन्दगी गुजर जाती है।
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“शौक पूरे कर लो
ज़िन्दगी तो खुद ही
पूरी हो जाएगी एक दिन…”
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Nice Line.....
पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है"
"जिसको समस्या न हो"
"और"
"पृथ्वी पर कोई समस्या ऐसी नहीं है"
"जिसका कोई समाधान न हो...
मंजिल चाहें कितनी भी ऊँची क्यों न हो,
रास्ते हमेशा पैरों के नीचे ही होते है।
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मकानों के भाव
*यूँ ही नहीं बढ़ गए...दोस्तो,*
रिश्तों में पड़ी *दरारों का*
*फायदा बिल्डर उठा गए...!!*!
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