मैंने प्यार किया बड़े होश के साथ! मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ! पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ! क्योंकि कल उसे देखा मैं...
मैंने प्यार किया बड़े होश के साथ!
मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ!
पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ!
क्योंकि कल उसे देखा मैंने किसी और के साथ!
कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है!
हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है!
मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम!
पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!
वो छोड़ के गए हमें;
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी;
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं;
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना;
अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना;
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे;
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना।
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;
किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;
हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है;
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है;
उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता;
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है;
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है;
उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता;
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!
चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है;
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है;
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश;
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं;
दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं;
मालूम है कि वो अब भी प्यार करता है मुझसे;
वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं।
हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है;
हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है;
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था;
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था;
महोब्बत में मिली थी नफरत उसे भी शायद;
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था।
हर धड़कन में एक राज़ होता है;
बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है;
जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की;
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
कभी करीब तो कभी जुदा था तू;
जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू;
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था;
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं;
ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है;
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह;
वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं;
टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं;
तूने ठुकराया जिसको अपनाकर;
उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।
वो बात ही कुछ अजीब थी;
वो हमसे रूठ गयी, जो दिल के सबसे करीब थी;
उसने तोड़ दिया दिल हमारा;
और लोग कहते है वो लड़की बहुत सरीफ थी |